दया की उम्मीद
दया की उम्मीद
Blog Article
यह मानवता पर एक विशिष्ट परिवर्तन डालता है। जब हम किसी को करुणा से सम्मान करते हैं, तो उनके दिल में भी एक नया उमंग जगमगाता है। यह प्रेरणा हमें और सशक्त बनाती है।
नम्रता, दयालुता, विनम्रता , जाल में फंसाना
एक नाजुक और सुंदर मछली की तरह नम्रता, जब किसी जाल में फंस जाती है तो उसे अपनी छवि से दूर कर देती है। आत्मा को सच्ची विनम्रता ही रोशनी देता है लेकिन जब यह जाल में फँस जाती है, तब वह एक काल्पनिक छाया बन जाती है।
यह जाल हमारे भूले हुए भावनाओं से बना होता है जो हमें नम्रता की चुप्पी में घुलते हैं। हम खुद को सच्चाई के तल में खो देते हैं और नम्रता का सच्चा अर्थ हमें भूला हो जाता है।
सच्चा हृदय, धोखे का शिकार बंदिश
ज़िंदगी में हर किसी को फुसलाया जाता है कि सच्चाई सर्वश्रेष्ठ होती है। लेकिन क्या यह हमेशा सच रहता है? कुछ लोग सच्चे दिल से जीते हैं, उनका हृदय साफ़ होता है और वो दूसरों के साथ ईमानदारी से व्यवहार करते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, ये सच्चे लोग चाय धोखे का शिकार होते हैं।
- बहुत ही लोग झूठ बोलकर और दोस्ती का नफा लेकर सच्चे लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं।
- सच्चा हृदय इन धोखों से {निराश{ हो जाता है। यह उसके विश्वास को घटा देता है और उसे दुःखी करता है।
हमें जानना चाहिए कि सच्चाई का साथ हमेशा रहेगा, लेकिन धोखे भी कभी-कभी रहते हैं। सच्चे लोगों को इन धोखों से पेश आने की आवश्यकता है।
एक दयालुता, एक नुक़सान
किसी भी व्यक्ति की दृष्टि में धोखा का साथ होना बेहद गलत होता है. जब कोई व्यक्ति अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए दूसरों पर निर्धारण स्थापित करता है, तो वह खुद को धक्के से दूर ले जाता है. समझदारी का मार्ग हमेशा सही होता है और दयालुता भी बहुत जरूरी है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं होना चाहिए कि हम अपनी सीमाएँ को भूल जाएँ.
भोलेपन का कीमत
जीवन में हर क्रिया का फल होता है। बहुतों लोग विश्वास के साथ चलते हैं और अनुभव को महत्व नहीं देते । ये व्यक्ति भोलेपन की check here मूल्य का सामना करते हैं।
उदाहरण में , एक सरल व्यक्ति अगर खुद को नुकसान महसूस करता है, तो यह उसके जीवन का एक गंभीर पड़ाव बन सकता है। यहाँ तक कि , भोलेपन का शिकार सच्चा होता है।
इसलिए ही , जीवन में हमें सूझबूझ भी रखनी चाहिए और खुद को नुकसानदायक विचारों से बचाना चाहिए।
दोस्ती से दुश्मनी तक
कभी कभी दोस्ती भी खुद का अंत निकाल देता है। यहाँतक हमेशा देखभाल करें की कि आप दूसरे के साथ ईमानदारी से पेश आएं। अगर आप सम्बंध को खुले तौर पर बताते हैं तो कभी भी दोस्ती से दुश्मनी तक का रास्ता शुरू होता है।
Report this page